बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान
अध्याय - 9
किशोरावस्था में संज्ञानात्मक, भाषागत एवं नैतिक विकास
(Cognitive, Language and Moral Development During Adolescence)
प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास से आप क्या समझते हैं?
2. किशोरावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
3. किशोरावस्था में नैतिक विकास पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर -
(1) किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास - किशोरावस्था परिपक्वावस्था की ही अवस्था है। संज्ञानात्मक विकास के लिए उन्हें इस अवस्था में उचित मार्गदर्शन व परामर्श की आवश्यकता होती है। इस समय बाल्यकाल की चंचलता समाप्त हो जाती है। ध्यान की शक्ति बढ जाती है। तीव्र स्मरण शक्ति विकसित हो जाती है।
रटने की क्षमता और अधिक बढ़ जाती है। कल्पना शक्ति विकसित हो जाती है जिसके द्वारा वह अपनी आन्तरिक शक्तियों का विकास करता है। कल्पना के विकास में लड़के-लड़कियों से आगे रहते हैं। तर्क शक्ति विकसित हो जाती है इसलिए प्रत्येक बात का तार्किक विश्लेषण करने के बाद ही वह स्वीकार करता है। रुचियों का तेजी से विकास होता है जो व्यक्तिगत होता है। यह रुचियाँ, खेलकूद, नृत्य, ड्रामा, संगीत, चित्रकारी किसी भी क्षेत्र में हो सकती है। स्वतन्त्र पठन-पाठन की रुचि विकसित होती है। चर्चा परिचर्चा में रुचि बढ़ जाती है. कैरियर के प्रति भावी योजनाएं बनती हैं।
(2) किशोरावस्था में भाषा विकास (Language Development During Adolescence) - भाषा की दृष्टि से किशोरावस्था अति महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस समय वह अपने वयस्कों द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुसार ही भाषा का प्रयोग करता है। उसकी भाषा में सूक्ष्मता और बौद्धिकता की झलक मिलती है। इस समय उसकी भाषा का स्वरूप स्वनिर्धारित होता है। उसके शब्दों में भावों की गहनता तथा शब्दों की जटिलता होती है। उच्चारण में शुद्धता आ जाती है और व्याकरण का प्रयोग सन्तोषजनक होता है।
इसके अतिरिक्त किशोरावस्था में जो संवेगों की बहुलता होती है इससे भी भाषा विकास प्रभावित होता है। कल्पना शक्ति का बाहुल्य होने के कारण इसी अवस्था में वे कवि, कहानीकार, चित्रकार, नाटककार, अभिनेता, विचारक आदि बनने की सोचते हैं जिससे भिन्न-भिन्न रूपो में उनकी भाषा का परिष्कृत रूप प्रकट होता है। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण होने पर उनकी भाषा में सौन्दर्य माधुर्य झलकता है।
इस समय इनका शब्द भण्डार विस्तृत हो जाता है। निश्चित भाषा शैली का विकास होता है। भाषा में प्रौढ़ता होती है। किशोरों का भाषा विकास अनेक सामाजिक समायोजन में सहायता प्रदान करता है। किशोर चिन्तनशील तथा संवेदनशील प्राणी होता है। वह अपने चिन्तन व संवेगों को भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त करता है। भाषा के उचित प्रयोग से वह समूह के बीच अपना एक स्थान बना पाता है जिससे सामाजिक समायोजन में सहायता मिलती है।
(3) किशोरावस्था में नैतिक विकास (Moral Development in Adolescence) - इस अवस्था में किशोर अपने व्यवहार को समाज और समूह की प्रत्याशाओं के अनुसार सीखता है, उसे इसके लिए अधिक देखरेख की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि, बालक प्रत्येक उचित और अनुचित व्यवहार से सम्बन्धित कारणों को समझने लग जाता है।
वह अक्सर दैनिक बातें करने लग जाता है। इस अवस्था के प्रारम्भ में यह भी देखा जा सकता है कि बालक सहपाठियों और अध्यापकों को चिढ़ाते हैं, विद्यालय में धूम्रपान करते हैं, कक्षाओं से भागना और विद्यालय की चीजों को नुकसान पहुँचाने से सम्बन्धित बुरे व्यवहार भी किशोरों में दिखाई पड़ते हैं, परिवार से सम्बन्धित अनेक दुराचरण भी किशोरों में पाए जाते हैं। अध्ययनों में देखा गया है कि वह किशोर बहुधा अपराधी प्रवृत्ति अपनाते हैं, जो ऐसे परिवारों से सम्बन्धित होते हैं जिसमें विवाह विच्छेद या किसी की मृत्यु हो गई होती है। इन परिस्थितियों वाले ' परिवारों की लडकियाँ लडकों की अपेक्षा अधिक अपराधी होती हैं।
किशोरावस्था के अन्त तक किशोरों में अपेक्षाकृत अधिक निश्चित प्रत्ययों का विकास हो चुका होता है। इस अवस्था तक वह स्वेच्छा से नैतिक मूल्यों का पालन करने लग जाते हैं। वे विशिष्ट नैतिक प्रत्ययों का सामान्यीकरण भी अधिक करने लग जाते हैं। इस अवस्था के अन्त तक किशोरों में पर्याप्त मात्रा में सहनशीलता का विकास हो चुका होता है। इस अवस्था के अन्त तक उनके उदारता का गुण भी अधिक मात्रा में विकसित हो जाता है। इस अवस्था के अन्त तक किशोर का नैतिक व्यवहार वयस्कों के समान हो जाता है। नैतिक दृष्टि से परिपक्व किशोर समाज के नियमों और नैतिक मूल्यों के अनुसार व्यवहार भय के कारण न करके इसलिए करता है कि वह इन नियमों और मूल्यों को उपयुक्त समझता है।
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- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- "आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार आयोजित करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
- प्रश्न- आहार द्वारा कुपोषण की दशा में प्रबन्ध कैसे करेंगी?
- प्रश्न- वृद्धावस्था में आहार को अति संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- आहार में मेवों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझती हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- वर्जित आहार पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था में पोषण पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शिशु के लिए स्तनपान का क्या महत्व है?
- प्रश्न- शिशु के सम्पूरक आहार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- किन परिस्थितियों में माँ को अपना दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए?
- प्रश्न- फार्मूला फीडिंग आयोजन पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 1-5 वर्ष के बालकों के शारीरिक विकास का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 6 से 12 वर्ष के बालकों की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये।
- प्रश्न- एक सुपोषित बच्चे के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था की प्रमुख पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
- प्रश्न- एक वृद्ध के लिए आहार योजना बनाते समय आप किन बातों को ध्यान में रखेंगी?
- प्रश्न- वृद्धों के लिए कौन से आहार सम्बन्धी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है? वृद्धावस्था के लिए एक सन्तुलित आहार तालिका बनाइए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिए एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था क्या है? इसकी विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था का क्या अर्थ है? मध्यावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शारीरिक विकास का क्या तात्पर्य है? शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले करकों को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास का क्या अर्थ है? क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए एवं मध्य बाल्यावस्था में होने वाले क्रियात्मक विकास को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक कौशलों के विकास का वर्णन करते हुए शारीरिक कौशलों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक विकास के लिए किन मानदण्डों की आवश्यकता होती है? सामाजिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- बालक के सामाजिक विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण से आप क्या समझती हैं? इसकी प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से क्या तात्पर्य है? इनकी विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर बाल्यावस्था में सामाजिक विकास का क्या तात्पर्य है? उत्तर बाल्यावस्था की सामाजिक विकास की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ लिखिए एवं बालकों के संवेगों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- बालकों के संवेग कितने प्रकार के होते हैं? बालक तथा प्रौढों के संवेगों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- संज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए। संज्ञान के तत्व एवं संज्ञान की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है? इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं? वाणी एवं भाषा का क्या सम्बन्ध है? मानव जीवन के लिए भाषा का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भाषा- विकास की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा-विकास से आप क्या समझती? भाषा-विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में पाये जाने वाले भाषा सम्बन्धी दोष तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? बालक के भाषा विकास के प्रमुख स्तरों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भाषा के दोष के प्रकारों, कारणों एवं दूर करने के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक बुद्धि का आशय स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'सामाजीकरण की प्राथमिक प्रक्रियाएँ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में भय पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्य शारीरिक परिवर्तन, संवेगात्मक अवस्थाओं को समझाइए।
- प्रश्न- संवेगात्मक अवस्था में होने वाले परिवर्तन क्या हैं?
- प्रश्न- संवेगों को नियन्त्रित करने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- क्रोध एवं ईर्ष्या में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- बालकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक संवेग पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के अधिगम विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के मनोभाषिक सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बालक के हकलाने के कारणों को बताएँ।
- प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा दोष पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- वयः सन्धि का क्या अर्थ है? वयः सन्धि अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) वयःसन्धि में लड़के लड़कियों में यौन सम्बन्धी परिपक्वता (b) वयःसन्धि में लैंगिक क्रिया-कलाप (e) वयःसन्धि में नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरूपयोग (d) वय: सन्धि में आहार सम्बन्धी आवश्यकताएँ।
- प्रश्न- यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एच. आई. वी. वायरस क्या है? इससे होने वाला रोग, कारण, लक्षण एवं बचाव बताइये।
- प्रश्न- ड्रग और एल्कोहल एब्यूज डिसआर्डर क्या है? विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोर गर्भावस्था क्या है? किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, किशोर गर्भावस्था से बचने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- युवाओं में नशीले पदार्थ के सेवन की समस्या क्यों बढ़ रही है? इस आदत को कैसे रोका जा सकता है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता की परिभाषा लिखिए। किशोरावस्था में सृजनात्मक विकास कैसे होता है? समझाइये।
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- प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
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- प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
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- प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए?
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- उत्तर-वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।